बुधवार, 24 नवंबर 2010

मुठभेड़ में नौ नक्सली मरे व माओवादियों द्वारा पुलिस वाहन उड़ाने से दो आरक्षक शहीद


दंतेवाड़ा के जगरगुंड़ा इलाके में पुलिस व नक्सलियों के बीच हुए मुठभेड़ में पुलिस ने नौ नक्सलियों को मार गिराया। सीआरपीएफ के अधिकारियों ने 20 नक्सलियों को मारने का दावा किया हैं। पुलिस नक्सली मुठभेड़ में नक्सलियों के इतनी संख्या में मारे जाने के बाद नक्सली बौखला कर बड़े हमले की तैयारी अवश्य करेगें। सरकार को अपने सूचना तंत्र को सक्रिय कर सतर्क रहना होगा। अन्यथा इस प्रकार की घटना के बाद नक्सली बदला लेने की नियत से बड़े वारदात को अंजाम देते हैं।
दूसरी ओर माओवादियों ने बीजापुर जिले के तिम्मापुर पोस्ट राशन छोड़ कर लौट रहे सीआरपीएफ के बुलेटप्रुफ वाहन को आवापल्ली बासागुड़ा मार्ग पर मंगलवार दोपहर बारूदी विस्फोट से उड़ा दिया। इस घटना में वाहन में सवार दो आरक्षकों की मौके पर ही मौत हो गई।
बस्तर संभाग के चप्पे चप्पे में नक्सलियों ने बारूदी सुरंग का जाल बिछाया हुआ हैं। इस बात की जानकारी पुलिस बल को है, बावजूद इसके पुलिस के जवानों के द्वारा लापरवाही बरती जाती है और इस प्रकार की घटनाएं घटती रहती हैं।
समस्या से सरकार आंखे मूंदे बैठी है
पिस रहा आम बस्तरिया
पुलिस व नक्सलियों के बीच चल रहे खूनी खेल में बस्तर की धरती लाल हो रही हैं। सरकार नक्सलवाद की समस्या को सिर्फ कानून व्यवस्था का प्रश्न बता कर इस समस्या से निपटने की जिम्मेदारी जिला पुलिस बल एवं सीआरपीएफ के ऊपर छोड़ दिया हैं। इस समस्या के बुनियाद में जो समस्याएं है उसे सरकार के द्वारा नजरअंदाज किया जा रहा हैं। पुलिस व नक्स्लियों के बीच चल रहे इस खूनी खेल में बस्तर का आम आदमी पिसता चला जा रहा हैं।

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