शनिवार, 20 नवंबर 2010

नक्सलियों ने की स्कूल छात्र की निर्मम हत्या


नक्सलवाद की समस्या दिनों दिन बढ़ते ही जा रही हैं। कभी किसी के अपहरण की तो कभी किसी की मुखबिरी के नाम से हत्या करने की जानकारी समाचार पत्रों के द्वारा मिलती रहती हैं। नक्सलवादियों ने स्कूलों एवं छात्रावास को भी नही बक्शा हैं।
कुछ दिन पूर्व कांकेर जिले के कोयलीबेड़ा थाना के अन्तर्गत आने वाले गांव उदनपुर के रहने वाले कक्षा 10 वीं के छात्र महंगूराम नेताम की नक्सलियों के द्वारा हत्या कर दी गई। नक्सलियों ने महंगूराम को मुखबिर बता कर हत्या की थी। नक्सलियों ने 10 नवंबर को महंगूराम का स्कूल से अपहरण कर लिया था और उसे पुलिस का मुखबिर बता कर निर्मम हत्या कर दी थी। जिसके विरोध में अंतागढ़, कोयलीबेड़ा, ताड़ोकी, भानुप्रतापपुर व दुर्गूकोंदल में स्कूली छात्र छात्राओं ने नगर में रैली निकाल कर विरोध प्रदर्शन किया।
अक्सर नक्सलवादियों के द्वारा ग्रामीणों को पुलिस का मुखबिर बता कर हत्या कर दी जाती हैं। तो दूसरी ओर पुलिस ग्रामीणों को नक्सलियों की समर्थक बता कर प्रताडि़त करती हैं। बस्तर के ग्रामीण आदिवासी दोनो ओर से पीस रहे हैं। सरकार इस समस्या से आंखे मुदें बैठी हैं। अभी तक इस समस्या के निदान के लिए कोई ठोस रणनीति नही बन पाई हैं। सरकार इसका समाधान पुलिस फोर्स के माध्यम से करना चाहती हैं, जो कि संभव नही हैं। सरकार में बैठे नुमाइंदे भी इस समस्या को उठाते नही और नाही इस संबंध में कुछ कहते हैं। हर छोटी बड़ी बात पर समाचार पत्रों में वक्तव्य प्रसारित करने वाले नेता इस समस्या को लेकर अपनी जुबान तक नही खोलते।
नक्सलवादियों के द्वारा स्कूली छात्र की गई हत्या को किसी भी प्रकार से जायज नही ठहराया जा सकता। मासूम बच्चे की हत्या करने से आखिर नक्सलवादियों को क्या हासिल हुआ होगा। वैसे भी नक्सलवादी अपने ग्रुप में कम उम्र के बच्चों को शामिल करते हैं। जिनको किसी भी प्रकार जानकारी नही होती। ऐसा महसूस होता है कि स्कूली छात्रों में दहशत पैदा करने के उद्देश्य से यह घटनाकारित की गई हैं। इससे भयभीत होकर स्कूली छात्र भी नक्सलियों के ग्रुप में शामिल होने लगेगें।
स्कूली छात्र छात्राओं ने नक्सलियों के विरूद्ध विभिन्न कस्बों में रैली निकाल कर महामहिम राज्यपाल के नाम से प्रेषित ज्ञापन के माध्यम से कहा है कि नक्सली चाहते हैं कि कोई विकास ना हो तथा वे लोग हमेशा अनपढ़ ही रहे ताकि नक्सलियों का स्वार्थ सिद्ध होता रहें।
नक्सलियों ने अपहृत पुलिस जवानों को छोड़ा
समाचार पत्रों के माध्यम से जानकारी मिली की नक्सलियों के द्वारा दस दिन पूर्व अपहृत किए गये दो पुलिस जवानों को छोड़ दिया हैं। इस बात की पुष्टि समाचार पत्रों को उनके परिजनों ने की हैं। नक्सलियों ने नारायणपुर जिला पुलिस बल के दो जवान जितेन्द्र पटेल एवं खेमराम साहू का गश्त के दौरान कर लिया था। इस घटना से उनके परिजन काफी परेशान थे। नक्सलियों के द्वारा उन्हे छोड़ जाने पर उनके परिजनों ने चैन की सांस ली हैं।

6 टिप्‍पणियां:

अरुण चन्द्र रॉय ने कहा…

ब्लॉग जगत में आपका स्वागत है.. आपकी चिंता में हमें भी शामिल समझिये...

Sanjeet Tripathi ने कहा…

ye badhiya hai, jitne jyada bastarhiya blogjagat par aayein utna hi accha hai tab hi bastar ki sahi jankari duniya k samne aayegi.

shubhkamnao k sath swagat hai ek bastariha k hindi blog jagat mein...

Learn By Watch ने कहा…

नक्सलवाद की इस लड़ाई में हम आपके साथ हैं |

यदि आप ब्लोगिंग के क्षेत्र में नए हैं तो आपको कुछ परेशानियों का सामना करना पद सकता है, ब्लोगिंग से सम्बंधित किसी भी परेशानी को आप हमारे फोरम पर पोस्ट कीजिये आपके हर सवाल का जबाब दिया जायेगा|

ब्लोगर फोरम

Patali-The-Village ने कहा…

आपकी चिंता में हमें भी शामिल समझिये|

BASTERIYA ने कहा…

हौसला अफजाई के लिए आप सभी का शुक्रिया. आपके मार्गदर्शन की आवश्यकता है.

संगीता पुरी ने कहा…

इस नए सुंदर से चिट्ठे के साथ हिंदी ब्‍लॉग जगत में आपका स्‍वागत है .. नियमित लेखन के लिए शुभकामनाएं !!